सुक्खू कल पेश करेंगे अपना पहला बजट

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शिमला : मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू 16 मार्च को विधानसभा में वित्तीय वर्ष, 2023-24 के लिए अपना पहला बजट प्रस्तुत करेंगे। उनके इस पहले बजट सरकार का विजन सामने आएगा कि उसे किस दिशा में आगे बढऩा है। सरकार के सामने इस समय सबसे कठिन स्थिति हिमाचल प्रदेश को बढ़ते कर्ज के मायाजाल से बाहर निकालना है। ऐसे में बजट में अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने की दिशा में आगे बढऩे की झलक देखने को मिल सकती है। अब तक सरकार ने पन विद्युत परियोजनाओं पर सैस लगाने का निर्णय लेकर सालाना करीब 4,000 करोड़ रुपए जुटाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा नई आबकारी नीति और डीजल पर वैट बढ़ाकर आय जुटाने का प्रयास किया है। मौजूदा समय में प्रदेश पर करीब 75,000 करोड़ रुपए के अलावा कर्मचारी-पैंशनरों के एरियर व डी.ए. की 1,200 करोड़ रुपए की देनदारियां हैं, जिसको चुकता करने के लिए सरकार को अतिरिक्त वित्तीय संसाधन की आवश्यकता है। बजट में मुख्यमंत्री का ग्रीन एनर्जी मॉडल भी सामने आएगा, जिसमें प्रदेश में अगले 3 साल के भीतर सरकारी वाहनों और परिवहन निगम के वाहनों को इलैक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करना है। इसके लिए जहां प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों पर चार्जिंग स्टेशन लगाने हैं, वहीं पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा। बजट में शिक्षा के क्षेत्र में सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने तथा गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करना शामिल है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बजट में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जिसमें सरकार रोबोटिक सर्जरी, पैट स्कैन सुविधा व आधुनिक तकनीक को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ सकती है। सरकार पर्यटन क्षेत्र को भी विशेष महत्व दे रही है। ऐसे में इसके लिए बजट में पहले की अपेक्षा कहीं अधिक बढ़ौतरी हो सकती है। कर्मचारियों की पुरानी पैंशन बहाली के बाद वेतन आयोग से संबंधित वित्तीय अदायगी को निपटाने और महिलाओं को 1,500 रुपए प्रतिमाह देने की दिशा में कोई घोषणा हो सकती है। इसके अलावा पशुपालन, कृषि-बागवानी और रोजगार सृजन पर भी बजट फोकस रह सकता है।

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