सरकारी क्षेत्र में 30 हजार को मिलेगी नौकरी, न्यूनतम दिहाड़ी 350 रुपए हुई
शिमला : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वित्तीय वर्ष, 2022-23 के लिए 51,365 करोड़ रुपए का पेपरलैस व करमुक्त बजट पेश किया है। चुनावी वर्ष में यह वर्तमान सरकार के कार्यकाल का पांचवां व अंतिम बजट है। बजट में सरकारी क्षेत्र में 30 हजार से अधिक कार्यमूल पदों को भरने की घोषणा की गई है। इस तरह बजट में कर्मचारियों, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, युवाओं, कारोबारियों, कृषि एवं बागवानी सहित अन्य वर्गों के लिए घोषणाएं की गई है। दिहाड़ी में पहली बार 50 रुपए की बढ़ौतरी करते हुए इसे 350 रुपए किया गया है। आउटसोर्स कर्मचारियों को सरकार ने न्यूनतम मासिक मानदेय 10,500 रुपए देने की घोषणा की है। आउटसोर्स का काम अब मॉडल टैंडर प्रक्रिया के तहत सभी विभागों से साझा किया जाएगा, जिसके अनुसार हर कर्मी को पे-स्लिप देना अनिवार्य होगी। उनकी समस्त कटौतियों जैसे ई.पी.एफ. एवं कर्मी को प्राप्त होने वाले नेट वेजिज को दर्शाना होगा। इसी तरह अब 60 साल के बाद सबको पैंशन मिल पाएगी। दूध के खरीद मूल्य में 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ौतरी करने का निर्णय लिया गया है। गौवंश सेवा के कार्य के लिए शराब की प्रत्येक बोतल पर 1 रुपए का अतिरिक्त सैस लगाया जाएगा।
विधायक निधि 2 करोड़ व एच्छिक निधि 12 लाख हुई
विधायक क्षेत्र विकास निधि को 1.80 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए किया गया है। इसके अलावा विधायक एच्छिक निधि 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 12 लाख रुपए हुई है। विधायक अपनी निधि से शहीदों के सम्मान में द्वार इत्यादि बनाने की अनुशंसा कर सकेंगे। इसी तरह नाबार्ड से पोषित की जाने वाली विधायक प्राथमिकता योजनाओं के लिए प्रति विधानसभा चुनाव क्षेत्र की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर 150 करोड़ रुपए किया जाएगा।
राजस्व प्राप्तियां 36,375.31 करोड़ व राजस्व व्यय 40,278.80 करोड़
वर्ष के दौरान कुल राजस्व प्राप्तियां 36,375.31 करोड़ रुपए होने की संभावना है। पूंजी लेखे पर कुल प्राप्तियां 13,925.10 करोड़ रुपए होंगी, जिसमें उधार वसूलियां 45.08 करोड़ रुपए, लिए गए सकल लोक ऋण 12,530.02 करोड़ रुपए तथा जमा व अग्रिम, विप्रेषण तथा भविष्य निधि इत्यादि पर 1,350.00 करोड़ रुपए होंगे। कुल राजस्व प्राप्तियां 50,300.41 करोड़ रुपए रहने की संभावना है। व्यय में राजस्व व्यय 40,278.80 करोड़ रुपए रहने की संभावना है। पूंजी लेखे पर व्यय 5,646.57 करोड़ रुपए रहने की संभावना है। उधार (अग्रिम) तथा अन्तर्राज्य निपटान सहित लौटाए गए लोक ऋण संबंधी व्यय क्रमश: 97.38 करोड़ रुपए तथा 5,342.01 करोड़ रुपए होगा। कुल व्यय 51.364.76 करोड़ रुपए की संभावना है। वर्ष के कुल बजट अनुमानों के अनुसार कुल आय 50,300.41 करोड़ रुपए तथा नकद व्यय 51,364.76 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। वर्ष, 2022-23 में राजस्व घाटा 3,093.49 करोड़ रुपए तथा राजकोषीय घाटा 9,602.36 करोड़ रुपए रहने की संभावना है।
100 रुपए के अनुपात में कहां खर्च होगा रुपया
वेतन-26 रुपए
पैंशन-15 रुपए
ब्याज अदायगी-10 रुपए
ऋण अदायगी-11 रुपए
पूंजीगत कार्य-29 रुपए
रुपया कैसे आएगा
केंद्रीय शुल्क-13.48 रुपए
राज्य कर-21.63 रुपए
कर रहित राजस्व-5.51 रुपए
ग्रांट-इन-ऐड-31.70 रुपए
उधार वसूलियां-0.09 रुपए
जमा और अग्रिम-2.68 रुपए
रुपया कहां जाएगा
सामान्य सेवाएं-31.63 रुपए
सामाजिक सेवाएं-31.46 रुपए
आर्थिक सेवाएं-12.86 रुपए
उधार (अग्रिम)-0.19 रुपए
पंूजी व्यय-10.99 रुपए
अनुदान-2.45 रुपए
लोक ऋण-10.40 रुपए
ग्रांट-इन-एड-0.02 रुपए
100 रुपए का विभिन्न क्षेत्रों में व्यय भाग
शिक्षा-16 रुपए
स्वास्थ्य-06 रुपए
ग्रामीण विकास-03 रुपए
कृषि-बागवानी, पशु व मत्स्य पाल-03 रुपए
लोक निर्माण (रास्ते व पुल)-09 रुपए
जलापूर्ति और सफाई-04 रुपए
सामाजिक कल्याण सेवाएं-04 रुपए
पैंशन (नागरिक सेवाएं)-15 रुपए
ब्याज अदायगी-10 रुपए
ऋण अदायगी-10 रुपए
ङ्क्षसचाई व बाढ़ नियंत्रण-02 रुपए
परिवहन एवं पर्यटन सेवाएं-03 रुपए
अन्य-15 रुपए
बजट में 10 नई योजनाओं की घोषणा
-मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना
-मुख्यमंत्री असहाय बाल पुनर्वास योजना
-मुख्यमंत्री सशक्तिकरण योजना
-श्रेष्ठ शिक्षा गुणवत्ता प्रोत्साहन योजना
-मुख्यमंत्री विद्यार्थी कल्याण योजना
-बाल प्रतिभा छात्रवृत्ति योजना
-मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना
-कौशल आपके द्वार योजना
-मुख्यमंत्री मोबाइल क्लिनिक (एम. 3 सी.) योजना
-गवर्नेंस एंड रिर्फोंस यूङ्क्षजग ड्रोनर्स (गरुड़)
पंचायती राज व स्थानीय शहरी निकाय प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ा
राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं से लेकर स्थानीय शहरी निकाय के प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ौतरी की है। इसके तहत मेयर का मानदेय अब 15,000 रुपए, डिप्टी मेयर का 10,000 रुपए व पार्षद का 6,500 रुपए प्रति माह होगा। नगर परिषद के अध्यक्ष का मानदेय अब 8,000 रुपए, उपाध्यक्ष का 6,500 रुपए व पार्षद का 3,000 रुपए प्रतिमाह होगा। नगर पंचायत के प्रधान का मानदेय अब 6,500 रुपए, उपप्रधान 5,000 रुपए व सदस्य का 500 रुपए प्रतिमाह होगा। जिला परिषद अध्यक्ष का मानदेय अब 15,000 रुपए, उपाध्यक्ष को 10,000 रुपए व सदस्य को 4,000 रुपए, पंचायत समिति अध्यक्ष मानदेय 9,000 रुपए, उपाध्यक्ष 6,500 रुपए व सदस्य को 5,500 रुपए मिलेंगे। पंचायत प्रधान को अब 5,500 रुपए, उपप्रधान को 3,500 रुपए व पंचायत सदस्य को 300 रुपए प्रति बैठक मिलेंगे।