विमल नेगी मौत मामले में सरकार व विपक्ष आमने-सामने

शिमला : हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में सरकार और विपक्ष आमने-समाने आ गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आरोप लगाया है कि जब भाजपा ई.डी. के छापे डलवा सकती है तो सी.बी.आई. की जांच क्यों नहीं करवा सकती? उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष संवेदनशील हो गया है और विमल नेगी जैसे मामले में भी उसको सियासत नजर आ रही है। भाजपा की तरफ से निकाले जा रहे कैंडल मार्च इसी कड़ी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भाजपा यदि अपने आपको शुभचिंतक मानती है, तो केंद्र में अपनी सरकार के माध्यम से सी.ब्ी.आई जांच करवा सकती है। उनकी विमल नेगी की पत्नी से बात हुई है और उनको बताया गया है कि मामले की 2 प्रकार से की जा रही जांच आगे बढ़ रही है। ऐसे में हमें जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए और उसके आधार पर ही आगे बढ़ा जा सकता है। सरकार की पूरी संवेदना परिजनों के साथ है और मामले की गहराई से जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि 5 गुटों में बंटी भाजपा जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी निर्दोष को तंग नहीं करेगी और दोषी को बक्शेगी नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व की जयराम सरकार के पास 1 लाख करोड़ रुपए होने के बावजूद वह कर्मचारियों का एरियर तक नहीं दे पाई। वर्तमान सरकार व्यवस्था परिवर्तन से हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को पता होना चाहिए कि ई.डी. की छापेमारी और सी.बी.आई. जांच में अंतर होता है। सरकार ने विमल नेगी के परिजनों को 15 दिन का समय दिया था, लेकिन इस अवधि में कुछ नहीं हुआ। मुख्यमंत्री के ई.डी. के छापेमारी के बयान पर आपत्ति जताते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केंद्र की ये एजैंसी भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामले की जांच करती है। इसी तरह सी.बी.आई. की जांच करने का आधार अलग है। सी.बी.आई. जांच राज्य सरकार के आग्रह या फिर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर हो सकती है। उन्होंने कहा कि आखिर सरकार सी.बी.आई. जांच से भाग क्यों रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर पावर कॉरपोरेशन के कामकाज पर सवाल उठे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार मामले पर पर्दा डालने का काम कर रही है। ऐसे में देरी से बचने के लिए सरकार को सी.बी.आई. जांच के लिए तुरंत आगे बढऩा चाहिए।