December 16, 2024

सरकार के खिलाफ राजभवन पहुंची भाजपा, 18 घोटाले होने के आरोप जड़े

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शिमला : हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के अवसर पर भाजपा ने 18 घोटाले होने का आरोप लगाया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल की अगुवाई में भाजपा ने इस संदर्भ में राजभवन जाकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को ज्ञापन सौंपा। प्रदेश भाजपा प्रभारी श्रीकांत शर्मा, सह प्रभारी संजय टंडन, पूर्व मंत्री, भाजपा विधायक एवं पार्टी पदाधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में भाजपा ने सरकार पर मुख्यमंत्री कार्यालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बनने और प्रदेश में अराजकता फैलाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा का आरोप है कि 24 माह में सरकार ने 24 जन विरोधी निर्णय लिए हैं। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के समय दी गई 10 गारंटियों को पूरा नहीं करने के कारण प्रदेश की जनता के साथ छलावा किया गया है। पार्टी का आरोप है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश को आर्थिक दिवालिएपन के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है, जिसमें अजीबो-गरीब फैसले लेकर सरकार की पूरे देश में बदनामी हो रही है। साथ ही सरकार चहेतों को लाभ पहुंचाकर जनहितों की अनदेखी कर रही है।
भाजपा ने इन 18 घोटालों का लगाया आरोप
भाजपा ने सरकार के ऊपर जिन 18 घोटालों के आरोप लगाए हैं। इसमें सबसे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बताया गया है। इसमें प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे गए गुमनाम पत्र का उल्लेख किया गया है, जिसमें पॉवर प्रोजैक्टों के नाम पर घोटाला होने का आरोप लगाया गया है। दूसरा, सरकार पर शराब घोटाला करने का आरोप लगाया गया है, जिसमें ठेकों की नीलामी प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं। इसमें जिलों में छोटे यूनिट मिलाकर बड़े यूनिट बनाना शामिल है। इसी तरह शराब की अवैध बिक्री एवं प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) की तरफ से नालागढ़ एक कंपनी की अचल संपत्ति को अस्थायी रुप से जब्त करना शामिल है। तीसरा, सरकार पर भू-घोटाले का आरोप लगाया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री को निशाने पर लिया गया है। चौथा, सरकार पर खनन माफिया को सरंक्षण प्रदान करने का आरोप लगाया गया है, जिस कारण प्रशासनिक अधिकारी चाह कर भी कार्रवाई करने में असमर्थ है। इस तरह का अवैध खनन मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र नादौन के अलावा प्रदेश के अन्य भागों में होने के आरोप लगाए गए हैं। अवैध खनन के इन आरोपों को लेकर ई.डी. की तरफ से भी कुछ गिरफ्तारियां की गई है। पांचवां, वन माफिया को सरकारी संरक्षण मिलने का आरोप लगाया गया है, जिस कारण सरकारी जंगलों में अवैध रुप से कटान किया जाता है। छठा, हिमाचल ऑन सेल यानी दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्की के कगार पर पहुंचाना तथा चहेतों को लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से पर्यटन निगम के 18 होटलों को घाटे में दर्शाए जाने के आरोप लगाए गए हैं। सातवां, लोक निर्माण विभाग को भ्रष्टाचार का अड्डा बताया गया है। आरोप है कि मुख्यमंत्री कुछ जोन में सीधा हस्तक्षेप करके चहेतों को टैंडर दिलाना चाहते हैं। आठवां, उन भ्रष्ट अधिकारियों को सरंक्षण प्रदान करना है, जिनके ऊपर विपक्ष में विधायक रहते हुए मुख्यमंत्री ने खुद भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। नौंवां आरोप बैंक घोटाले का है, जिसमें कांगड़ा सैंट्रल कॉ-ऑप्रेटिव बैंक से प्रभावशाली लोगों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। दसवां, राशन घोटाले का आरोप लगाया है। ग्यारहवां, ग्रीन एनर्जी के नाम पर घोटाला करने, 12वां, क्रूज घोटाला, 13वां, औद्योगिक क्षेत्र घोटाला, 14वां, पर्यटन निगम में गड़बड़ी, 15वां, आऊटसोर्स घोटाला, 16वां, कबाड़ घोटाला, 17वां, टैंडर घोटाला और 18वां, आपदा में घोटाला करने का आरोप लगाया गया है।
कांग्रेस की गारंटियों पर उठाए सवाल
भाजपा ने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस की तरफ से विधानसभा चुनाव में दी गई गारंटियों को झूठा बताया है। इसमें ओ.पी.एस. को पूरी तरह से लागू नहीं करने, सभी महिलाओं को 1,500 रुपए नहीं देने, भैंस का दूध 100 रुपए व गाय का 80 रुपए प्रति लीटर नहीं खरीदने, 2 रुपए किलो से गोबर की खरीद नहीं करने, बागवानों की तरफ से अपने उत्पाद का खुद दाम तय नहीं कर पाने, हर वर्ष सरकारी क्षेत्र में 1 लाख नौकरियां नहीं मिलने, 680 करोड़ रुपए की स्टार्टअप योजना को बजट उपलब्ध नहीं करवाने, 300 यूनिट फ्री बिजली देने के वायदे के विपरीत 125 यूनिट फ्री बिजली का लाभ छीनना, प्राकृतिक खेती को लेकर पूर्व सरकार की अधिसूचना रद्द करने तथा पहली कक्षा से सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी विषय करना शामिल जैसी गारंटियों के नाम पर जनता से छलावा करने का आरोप लगाया है।
सरकार के 24 माह के जनविरोधी निर्णयों को गिनवाया
भाजपा ने सरकार पर 24 माह में 24 जन विरोधी निर्णय लेने का आरोप जड़ा है। इसमें जनहित में खोले गए करीब 1,500 संस्थानों को बंद करना, डीजल पर 7 रुपए प्रति लीटर वैट लगाना, सीमैंट की बोरी में हुई 150 रुपए की बढ़ौतरी करने, 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की बजाए पहले से मिलने वाली 125 यूनिट मुफ्त बिजली को बंद करना,
घरेलू उत्पादकों को पहले 22 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ौतरी करना, औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की दरो को महंगा करना, राजस्व विभाग में स्टांप ड्यूटी 10 गुणा बढ़ौतरी करना, मंदिर दर्शन पर फीस लगाना, विकास कार्य ठप्प करना तथा ठेकेदारों को पेमैंट नहीं करना, जनवरी, 2023 से मार्च, 2023 की विधायक क्षेत्र विकास निधि की 50 लाख रुपए जारी नहीं करना, ग्रामीण क्षेत्र में पानी के प्रति कनैक्शन 100 रुपए वसूलना, 10 हजार आऊटसोर्स कर्मचारियों को निकालना, सरकारी क्षेत्र 1.50 लाख पद समाप्त करना, एच.आर.टी.सी. बसों में सामान के किराए में वृद्धि करना, निजी अस्पताल में हिमकेयर योजना का लाभ छीनना, गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों को मिलने वाली 3,000 रुपए प्रतिमाह पैंशन छीनना, शराब की बोतल पर 10 रुपए मिल्क सैस लगाना, बिना जनता की मांग पर नई नगर पंचायत, नगर परिषद व नगर निगमों का गठन करना, कर्मचारियों की वित्तीय अदायगियां रोकना, यूनिवर्सल कार्टन व मंडियों के कुप्रबंधन, सरकारी स्कूलों में मुफ्त वर्दी योजना का लाभ छीनना, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की ग्रेच्युटी, लीव ऑन पेमैंट व मैडीकल बिलों को 20 हजार करोड़ रुपए देनदारी नहीं देना तथा डिपुओं के राशन में 12 फीसदी बढ़ौतरी करना शामिल है।
हिमाचल को आर्थिक दृष्टि से कंगाल करना
भाजपा ने सरकार पर हिमाचल प्रदेश को आर्थिक दृष्टि से कंगाल करने का आरोप लगाया है। इसमें 24 माह में 27,642 करोड़ रुपए कर्ज लेने का आरोप लगाया गया है। सरकार पर 6 मुख्य संसदीय सचिवों को बचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने, मित्रों को कैबिनेट रैंक का लाभ देने तथा सरकारी भवन निर्माण एवं मुरम्मत कार्य पर फिजूलखर्ची करने का आरोप लगाया है।
हिमाचल को देश व दुनिया में बदनाम करना
भाजपा ने सरकार पर हिमाचल प्रदेश को देश व दुनिया में बदनाम करने का आरोप लगाया है। इसके तहत सी.एम. व मंत्रियों का वेतन 2 माह के लिए विलंबित करना, 3 करोड़ बचाने के लिए कर्मचारियों को वेतन व पैंशनरों को पैंशन देने पर तंग करने, टॉयलेट टैक्स लगाने, सी.एम. कार्यक्रम में समोसे नहीं मिलने पर सी.आई.डी. जांच करवाना तथा मुख्यमंत्री की सुंदर फोटो जारी करने को आदेश देना शामिल है।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं में रोड़ा अटकाना
भाजपा ने प्रदेश सरकार पर केंद्र प्रायोजित योजनाओं में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाया है। इसमें भानुपल्ली-बरमाणा रेलवे लाइन निर्माण के लिए प्रदेश की हिस्सेदारी के 1,442 करोड़ रुपए जारी नहीं करने, चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन की 180 करोड़ रुपए की देनदारियां नहीं देने, केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपए जमा नहीं करवाना, केंद्र से मिले 140 करोड़ रुपए खर्च नहीं करने, प्रधानमंत्री आवास योजना में मिले 1 लाख 11 हजार मकान से पात्र व्यक्तियों के नाम सूची से काटना तथा प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में 274 सडक़ों के अपग्रेडेशन के लिए प्रदेश को 2,643 करोड़ रुपए को लेकर काम शुरू नहीं करना शामिल है।
सरकार को जश्न मनाने का हक नहीं : बिंदल
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने कहा कि प्रदेश सरकार को 2 वर्ष का जश्न मनाने का हक नहीं है। जश्न मनाने की बात तब होनी चाहिए, जब सरकार ने जहित में कोई कार्य किया है।
सी.एम. ऑफिस बना भ्रष्टाचार का अड्डा : जयराम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सी.एम. ऑफिस भ्रष्टाचार का अड्डा बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में वायरल हुए गुमनाम पत्र की जांच नहीं करना कई सवाल खड़े करती है। उन्होंने प्रदेश में प्रोजैक्ट लगाने के नाम पर घोटाला करने एवं शराब माफिया को लाभ पहुंचाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि जश्न से कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं का नदारद रहना इस बात का प्रमाण है कि वह प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं है।