समिति ने उत्तराखंड में भांग के खेतों में जाकर जानी खेती की व्यवहारिकता
देहरादून : औद्योगिक और गैर-मादक उपयोग के लिए भांग की खेती शुरु करने को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से गठित समिति ने आज उत्तराखंड के डोईवाला में भांग की खेती करने वाली फर्म के खेतों में जाकर भांग की खेती की व्यवहारिकता को जाना। समिति के अध्यक्ष राजस्व, बागवानी और जनजातीय विकास मामले मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, सदस्य विधायक और अधिकारी इस दौरे में शामिल हुए।
समिति के सदस्यों ने डोईवाला में कांट्रेक्ट फार्मिंग के तहत की जा रही भांग की खेती का अवलोकन किया। उन्होंने उगाई जा रही भांग की किस्मों के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
समिति के सदस्यों ने प्रति हेक्टेयर भूमि पर उत्पादन और लागत, भांग के उत्पादों का विपणन और अन्य जानकारी भी प्राप्त की। फर्म के प्रतिनिधियों ने दल के सदस्यों को तकनीकी और कानूनी पहलुओं के बारे में भी विस्तार से अवगत करवाया।
समिति के सदस्यों ने सरकार और आम लोगों को होने वाले लाभ के बारे में चर्चा की। इसके लिए कानूनी प्रावधानों पर विचार विमर्श किया गया। भांग की खेती शुरू करने के लिए सरकार को होने वाली आय और किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार प्रदेश में भांग की खेती को वैध करने की दिशा में अग्रसर है। इसके तमाम पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही समिति अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। उन्होंने कहा कि भांग की खेती की पैदावार कम सिंचाई वाले क्षेत्रों में आसानी से हो सकती है। इसके अलावा जंगली जानवरों का भी फसल के लिए कोई खतरा नहीं होता। औद्योगिक प्रयोग और औषधीय उत्पादन के लिए भांग की गुणवत्तापूर्ण खेती सुनिश्चित करने के प्रयास सरकार की ओर से किए जाएंगे।
इससे पूर्व, प्रातः दल ने उत्तराखंड के वन एवं उच्च शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल से भी भेंट कर उनसे विस्तृत चर्चा की।
समिति के सदस्य मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक डॉ. हंसराज, सुरेंद्र शौरी, केवल सिंह पठानिया, डॉ. जनकराज और पूर्ण चंद ठाकुर तथा अधिवक्ता देवन, सहायक आयुक्त आबकारी डॉ. राजीव डोगरा, भांग की खेती करने वाली फर्म के प्रतिनिधि सृजन शर्मा व विक्रम मित्रा और अन्य व्यक्ति उपस्थित थे।