सी.पी.एस. की नियुक्तियों को चुनौती देने पर विचार करेगी भाजपा : जयराम
शिमला : नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 6 मुख्य संसदीय सचिवों (सी.पी.एस.) की नियुक्तियों को न्यायालय में चुनौती देने पर भाजपा विचार कर रही है। इसको लेकर विधि विशेषज्ञों की राय ली जा रही है। उन्होंने कहा कि आसाम, मणिपुर और दिल्ली सरकार की तरफ से की गई ऐसी नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट गलत ठहरा चुक है, क्योंकि यह संवैधानिक मर्यादा के विपरीत है। जयराम ठाकुर यहां पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। विधायक बिक्रम सिंह, रणधीर शर्मा और त्रिलोक जमवाल सहित अन्य नेता भी इस अवसर पर मौजूद थे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूर्व सरकार की तरफ से बिना कैबिनेट की मंजूरी के डिनोटिफाई किए गए संस्थानों के निर्णय को चुनौती देने को लेकर भी भाजपा कानूनी राय ले रही है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था परिवर्तन नहीं बल्कि राज्य में अव्यवस्था की स्थिति को पैदा करने जैसा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने क्रियाशील हो चुके संस्थानों तक को बंद कर दिया, जो जनहितों के खिलाफ है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा का मिशन लोटस का कोई मूड नहीं है, लेकिन कांग्रेस को अपने कुनबे को संभालना चाहिए। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसी स्थिति पैदा न हो जाए कि इस विषय पर सोचना पड़े।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार में बने उपमुख्यमंत्री ने अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखा है। इसमें वह अपने संघर्ष की गाथा का बखान करने के अलावा 3 विधायकों की सिफाशि मंत्री पद के लिए कर रहे हैं। इसके अलावा वह अपने ही मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार की स्थिति यह कि सुंदरनगर में वर्ष, 1952 में खुल चौकी तक को डिनोटिफाई कर दिया गया। इसी तरह पूर्व उद्योग मंत्री व विधायक बिक्रम सिंह के विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में क्रियाशील रहे एस.डी.एम. कार्यालय को डिनोटिफाई कर दिया गया।
नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सबसे अधिक रोजगार देने वाले 2 सीमैंट उद्योगों अंबूजा व ए.सी.सी. पर ताले लटके हैं। इसके अलावा वैट के दाम बढ़ाए जाने के कारण डीजल के दाम में 3 रुपए महंगे हो गए, जिससे आम जनता पर बोझ पड़ा है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि धर्मशाला में संपन्न हुए शीतकालीन सत्र के दौरान वी.आई.पी. गैलरी में बैठने वाले वीडियो बना रहे थे। इसके अलावा वर्तमान सरकार के 1 माह के कार्यकाल में जनता अभी से सडक़ों पर उतरना शुरू हो गई तथा विपक्ष को पहले ही सत्र में वॉकआऊट करने के लिए बाध्य होना पड़ा है