सरकारी भूमि के ऊपर अतिक्रमण करने वालों के नाम इंतकाल करने पर तहसीलदार निलंबित
शिमला : राज्य सरकार ने मंडी जिला के बलद्वाड़ा में तैनात तहसीलदार को निलंबित कर दिया है। निलंबन की यह कार्रवाई उपायुक्त मंडी की रिपोर्ट के आधार पर हुई है। निलंबन के दौरान तहसीलदार का मुख्यालय मंडी के मंडलायुक्त कार्यालय रहेगा तथा वह उनकी अनुमति के बिना कार्यालय नहीं छोड़ सकेंगे। प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा के हवाले से तहसीलदार को निलंबित किए जाने की पुष्टि की गई है। उनके ऊपर आरोप है कि लोगों द्वारा अतिक्रमित की हुई सरकारी भूमि का इंतकाल अतिक्रमणकारियों के नाम इंतकाल किया गया। उपायुक्त मंडी की तरफ से सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि तहसीलदार बलद्वाड़ा ने राजस्व नियमों के तहत सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण के 49 मामलों में विवेकपूर्ण तरीके से कार्य नहीं किया। यानि उन्होंने कैजुअल तरीके से कार्य किया। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के मामलों की सुनवाई में विवेकपूर्ण तरीके से कार्य न करना तहसीदार को शोभा नहीं देता। उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में तहसीलदार के खिलाफ सेंट्रल सिविल सर्विस कंडक्ट नियमों के तहत कार्रवाई की सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तहसीलदार बलद्वाड़ा ने अतिक्रमण के मामलों का निपटारा करते हुए उनमें इमस्टीट्यूशन नंबर नहीं डाले। उनकी तरफ से केवल 14 मामलों को ही इंस्टीट्यूशन इन्क्रोचमेंट रजिस्टर में दर्ज किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन्क्रोचमेंट इंस्टीट्यूशन रजिस्टर में अंतिम नंबर 42/2022 है, मगर तहसीलदार ने 285/2022, 714/2022, 1030/2506, 2526/2022, 447/2022, 1047/2022, 87/2022, 916/2022, 613/2022, 745/2022, 1598/2021, 107/2021 तथा 646/2022 इंतकाल में दर्ज किए हैं। इससे स्पष्ट है कि ये तमाम नंबर फर्जी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि तहसीलदार के इस कृत्य से साफ है कि सरकार को सुने बगैर ही उन्होंने गैर जिम्मेदारान तरीके से कार्य किया। लिहाजा उनके खिलाफ सिविल सर्विस कंडक्ट नियमों के तहत कार्रवाई सिफारिश की है। रिपोर्ट के अध्ययन के बाद सरकार ने तहसीलदार का निलंबित कर दिया है।