November 15, 2024

हाटी समुदाय को जल्द जनजातीय का दर्जा मिलने की संभावना बढ़ी

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शिमला : सिरमौर जिला के ट्रांसगिरी क्षेत्र में निवास करने वाले हाटी समुदाय के लोगों को जल्द जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिलने की संभावना बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार इस मामले को केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय की तरफ से स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसके बाद अब यह मामला स्वीकृति के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल को जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंंडल से स्वीकृति मिलने के बाद इससे संबंधित संशोधन को संसद में मौजूदा मानसून सत्र में मंजूरी के लिए लाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में इस मामले को लेकर हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उन्होंने इस मामले को शीघ्र केंद्र सरकार की तरफ से अनुमति देने का आश्वासन दिया था। ऐसे में अब केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय की तरफ से स्वीकृति मिलने के बाद हाटी समुदाय बहुल 4 विधानसभा क्षेत्रों शिलाई, श्री रेणुका जी, पच्छाद व पांवटा साहिब की 3 लाख की आबादी को लाभ होगा, जिसमें 154 पंचायतें आती है।
इस तरह मामला आगे बढ़ा
हिमाचल प्रदेश में सबसे पहले सरकार की ओर से 4 मई, 2005 को जनजातीय मंत्रालय को इससे संबंधित प्रस्ताव भेजा गया था। इसके बाद 15 जून, 2006 को रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की तरफ से पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई कि हाटी को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा नहीं दे सकते। फिर 27 अगस्त, 2011 को प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के ट्राइबल स्टडी संस्थान को ट्रांसगिरि क्षेत्र (हाटी) में रहने वाले लोगों का अध्ययन करके विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा। संस्थान की तरफ से यह रिपोर्ट 20 जुलाई, 2016 को सौंपी गई तथा इसके बाद 3 अगस्त, 2016 को मामला फिर केंद्र सरकार को भेजा गया। उसके बाद रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने 16 मार्च, 2017 को यह कहते हुए प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया कि रिपोर्ट में एंथनोग्राफिक स्टडी पूरी नहीं है। इसके बाद एंथनोग्राफिक स्टडी रिपोर्ट तैयार करके भेजी गई। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद 4 अगस्त, 2018 को सारे विषय के लेकर केंद्रीय गृह मंत्री से चर्चा हुई तथा उसके बाद 24 अक्तूबर, 2018 को केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने इससे संबंधित पूर्ण एनथोग्राफिक स्टडी करके भेजने को कहा। इस तरह केंद्रीय मंत्रालय के निर्देशानुसार सभी औपचारिकताओं को पूरा किया गया तथा अब केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय की तरफ से मामले को स्वीकृति प्रदान की गई है। 

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