उत्तर क्षेत्रीय बैठक में अंतरराज्यीय सीमा विवाद को उठाएगा हिमाचल
शिमला : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उत्तरी क्षेत्रीय परिषद (एन.जैड.सी.) की 9 जुलाई को जयपुर में होने वाली बैठक में भाग लेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में हिमाचल प्रदेश के अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों के अलावा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़ व लद्दाख के उपराज्यपाल भी हिस्सा लेंगे। सूत्रों के अनुसार हिमाचल प्रदेश इस बैठक में फिर से अंतरराज्यीय विवाद को उठा सकता है। इसमें लद्दाख की तरफ से लाहौल-स्पीति में किए गए अनाधिकृत कब्जे और हरियाणा के साथ ङ्क्षपजौर में सीमा विवाद शामिल है। इसी तरह चंडीगढ़ में हिमाचल प्रदेश की 7.9 फीसदी हिस्सेदारी जैसे मामले को भी उठाया जा सकता है। इसी तरह पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 में संशोधन कर हिमाचल प्रदेश को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी, नदियों के किनारे अवैध खदानों तथा अनाधिकृत खनन को रोकने और सीमावर्ती क्षेत्रों में नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए संयुक्त रणनीति बनाए जाने की मांग की जा सकती है। राजस्थान सरकार के साथ पौंग बांध विस्थापितों के पुनर्वास मामलों के शीघ्र निपटाने का मामला भी बैठक में उठने की पूरी संभावना है।
इन मामलों को भी उठा सकता है हिमाचल
बैठक में हरे पेड़ों के कटान पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की एवज हिमाचल प्रदेश को ग्रीन बोनस देने की मांग की जा सकती है। केंद्र सरकार से 5 हैक्टेयर तक की वन भूमि के लिए वन स्वीकृतियां प्रदान करने का अधिकार राज्य सरकार को देने की मांग की जा सकती है। इसके अलावा फोरलेन परियोजनाओं के निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह भी किया जाएगा। उड़ान योजना के तहत हिमाचल प्रदेश को रियायत देने, मंडी जिला में अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नागचला के निर्माण कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करने और चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन परियोजना को शीघ्र पूरा करने जैसे मामले को भी उठाया जा सकता है।