December 17, 2024

मुख्यमंत्री फ्री हैंड करे काम, परफार्मेंस सही नहीं तो मंत्री को भी बदलो

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शिमला: आर.एस.एस.-भाजपा ङ्क्षचतन के बाद सत्ता-संगठन स्तर पर फिर फेरदबल की संभावनाएं बढ़ गई है। यह संभावनाएं आर.एस.एस. के वरिष्ठ पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप एवं प्रदेश महामंत्री पवन राणा के साथ 2 दिन तक नाभा में हुए हुए चिंतन के बाद बढ़ी है। सूत्रों के अनुसार आर.एस.एस. पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को फ्री हैंड यानि बिना किसी दबाव के काम करने की सलाह दी है। उनको यह स्पष्ट निर्देश दिए गए है कि सरकार में मंत्री के बने रहने के लिए सिर्फ परफार्मेंस ही आधार होना चाहिए। ऐसे में यदि किसी मंत्री की परफार्मेंस सही नहीं है, तो उसे तुरंत बदला जाए तथा उनके स्थान पर बेहतर काम करने वाले दूसरे नेता को अवसर दिया जाए। इसी फार्मूले को संगठनात्मक स्तर पर अपनाए जाने की सलाह दी गई है। सूत्रों के अनुसार बैठक में सत्ता-संगठन की कमजोर कडिय़ों के अलावा अफसरशाही की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे हैं। ऐसे में उन अधिकारियों के ऊपर नकेल कसने को कहा गया है, जिनके कारण पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर आम आदमी के कार्य में कई बार अनावश्यक विलम्ब हो रहा है। इस तरह से 2 दिन के मंथन से यह निकलकर बाहर आया है कि सत्ता-संगठन के स्तर पर जिसकी परफार्मेंस सही नहीं है, उसके स्थान पर बेहतर काम करने वाले को मौका दिया जाए। साथ ही मिशन रिपीट की राह में जो भी अड़चने आ रही है, उसे दूर किया जाएगा।
नड्डा फार्मूले पर सख्ती से हो अमल
सूत्रों के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के फार्मूले पर सख्ती से अमल करने को कहा गया है। इसमें उन मंत्री व विधायकों को अपनी परफार्मेंस सुधारने के लिए अंतिम अवसर देने की बात कही गई है, जिनका रिपोर्ट कार्ड सही नहीं है। ऐसे में यदि नेता कुछ माह के भीतर अपने रिपोर्ट कार्ड को सुधार लेते हैं, तो उनकी कुर्सी सलामत रह सकती है। हालांकि इसके बावजूद टिकट का सर्वे एवं परफार्मेंस के आधार पर ही होगा। इसके चलते मंत्री से लेकर विधायक अब अपने विधानसभा क्षेत्रों में नजर आने लगे है।
संगठन के साथ नियमित बैठक : जयराम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आर.एस.एस. पदाधिकारियों से हुई बैठक को संगठन के साथ होने वाली नियमित बैठक का हिस्सा बताया। उन्होंने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि संगठन के साथ बैठने का यह नियमित क्रम है, न कि कोई विशेष बैठक हुई है। उन्होंने कहा कि इस चिंतन में यह चर्चा हुई है कि सत्ता-संगठन मिलकर कैसे आगे बढ़ सकता है।

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