हिमाचल मंत्रिमंडल के निर्णय

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शिमला : सरकारी भूमि पर वर्ष, 1974 से झुग्गियों में रहने वाले काबिज शहरी गरीबों को 2 बिस्वा (75 वर्गमीटर) तक मालिकाना हक यानि भूमि स्वामित्व का अधिकार मिल जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में यहां आयोजित मंत्रिमंडल बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकार के इस निर्णय से शहरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में रहने वाले गरीबों को मालिकाना हक मिल सकेगा। राजधानी शिमला सहित कई अन्य स्थानों पर गरीब लोग बरसों से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। गरीबों को जमीन का मालिकाना हक मिलने के बाद वह अब इस जमीन पर के आधार पर कर्ज ले सकेंगे। सरकार ने माननीयों के ठहरने के लिए तय 7,500 रुपए की तय सीमा को हटा दिया है। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, मंत्री, विधायक व पूर्व विधायक प्रदेश के भीतर व राज्य के बाहर ठहरने के लिए 7,500 रुपए का कमरा लेने की शर्त लगाई गई थी। इस निर्णय से अब माननीय इससे अधिक राशि में कमरा ले सकेंगे। ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि माननीयों को शिकायत रहती है कि उनको हिमाचल भवन चंडीगढ़ और हिमाचल सदन व भवन नई दिल्ली में ठहरने के लिए कमरा नहीं मिलता है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नई दिल्ली में 1 पद मीडिया समन्वयक का पद सृजित किया जाएगा। इसके लिए मीडिया समन्वयक को मासिक 90 हजार रुपए मासिक मानदेय मिलेगा। इससे पहले पूर्व कांग्रेस सरकार के समय भी इस तरह के मीडिया समन्वयक की नियुक्ति की गई थी।
कर्मचारियों के 15 फीसदी तीसरे विकल्प को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने नए वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर कर्मचारियों के लिए 15 फीसदी के तीसरे विकल्प को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। यानि अब कर्मचारियों के पास 2 नहीं बल्कि 3 विकल्प चुनने का अधिकार होगा। इससे पहले नए वेतनमान में 2 विकल्प 2.25 व 2.59 दिया गया था। अब मंत्रिमंडल की तरफ से 15 फीसदी तीसरे विकल्प को भी मंजूरी प्रदान की गई थी।

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