शिमला में भारत-पाक बांग्लादेश मैत्री संवाद
शिमला : दो दिवसीय दसवां भारत- बांग्लादेश मैत्री संवाद शनिवार को शिमला में संपन्न हो गया। शिमला में आयोजित संवाद में दोनों देशों के 5 दर्जन के करीब प्रतिभागियों ने शिरकत की। संवाद में शिरकत करने वालों में दोनों देशों के विदेश राज्य मंत्रियों के साथ कई अन्य सांसद शामिल थे। मैत्री संवाद में आतंकवाद , भारत व बांग्लादेश के मध्य कनैक्टिविटी व व्यापार बढ़ाने के अलावा द्विपक्षीय मुद्दों को लेकर गंभीर चर्चा हुई। चर्चा के बाद पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री मोहम्मद शहरीयार आलम का कहना था कि रोहिंग्या मुसलमान न केवल बांग्लादेश , बल्कि भारत के लिए उससे अधिक गंभीर चुनौती है। इस समस्या का समाधान निकालना भारत सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंध प्रगाढ़ हैं । बांग्लादेश मित्र देश भारत पर निर्भर करता है।
एक सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा कि उप.महाद्वीप को आर्थिक तौर पर विकसित करने में पाकिस्तान को अपनी भूमिका में बदलाव करना होगा। उन्होंने माना कि आतंकवाद से एकजुट होकर निपटा जा सकता है। भारत की सीमाएं सडक़ , रेल सहित अन्य परिवहन माध्यमों से उनके मुल्क के लोगों के लिए खुलनी चाहिए। भारत के उत्तर.पूर्वी राज्यों में बांग्लादेश के लोग कामकाज के लिए आ जा सकें । शेख हसीना के समय से दोनों देशों के रिश्ते अच्छे चले आ रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुरेश प्रभु का कहना है कि भारत.बांग्लादेश के रिश्ता न सिर्फ पुराना , बल्कि गहरा भी है। रणनीति के तौर पर दो दिनों के दौरान प्रतिनिधियों ने चर्चा की। चाहे आतंकवाद से पार पाने का मामला हो अथवा आर्थिक तौर पर एक दूसरे के साथ व्यापारिक गतिविधियां बढ़ाने का। एक दशक से दोनों देश के प्रतिनिधि संबंधों में सुधार लाने के लिए चर्चाएं करते हैं। सीएए, एनपीआर व आतंकवाद मुद्दों पर चर्चा हुई। दो अलग देश हैं तो कुछ मुद्दों पर अलग राय भी रहेगी।
भारत.बांग्लादेश मैत्री भारत फाऊंडेशन के निदेशक आलोक बंसल का कहना है कि दोनों देशों के बीच में दसवें राऊंड की चर्चा हुई। 38 सांसदों सहित विदेश राज्य मंत्री मोहम्मद शहरीयार आलम , शिक्षा मंत्रालय में उप मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने भाग लिया। भारत की तरफ से विदेश राज्य मंत्री राजकुमार राजन सिंह सहित 23 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था भारत से अधिक मजबूत है। भारत बांग्लादेश को तकनीकी सहयोग दे रहा है। सीएए व एनपीआर से जुड़े मामलों पर सोचा जाना चाहिए। संवाद के दौरान आयोजित चार सत्र के दौरान कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय संस्थाओं को सुदृढ़ करने की जरूरत है। सामाजिक , आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षा व सहयोग मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैत्री संवाद में शिक्षा , स्वास्थ्य, पर्यटन के क्षेत्र में आपसी मेलजोल बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया गया।