मुख्यमंत्री सुक्खू ने 5 मई को बुलाई मंत्रिमंडल बैठक

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 5 मई को अपराह्न 3 बजे मंत्रिमंडल बैठक बुलाई है। मंत्रिमंडल की बैठक में सेवानिवृत्ति आयु को 58 वर्ष से बढ़ाकर 59 वर्ष करने और कर्मचारियों को अग्रिम पैंशन नहीं दिए जाने को लेकर कोई निर्णय लिया जा सकता है। इस तरह की सिफारिशें उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की तरफ से की गई है, जिसका गठन प्रदेश में वित्तीय संसाधन को जुटाने के लिए किया गया है। उपसमिति की तरफ से कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर अग्रिम पैंशन नहीं देने और पंजाब की तर्ज पर 25 वर्ष बाद ही पूरी पैंशन देने के 3 विकल्पों को सुझाया गया है। पहला विकल्प सेवानिवृत्ति आयु को 1 वर्ष बढ़ाने कहा है, जिससे सरकार को थोड़ी राहत मिलेगी। यानी सरकार को 1 वर्ष तक सेवानिवृत्ति से होने वाली रिक्तियों को भरने का विकल्प मिल जाएगा। इससे सरकार पर वित्तीय बोझ भी कम पड़ेगा। दूसरा विकल्प कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर पैंशन कम्युटेशन का विकल्प है। इस विकल्प के अनुसार कर्मचारी अपनी पैंशन का एक हिस्सा एकमुश्त राशि में प्राप्त नहीं कर सकेंगे। ऐसा निर्णय लेने से सरकार के ऊपर आने वाले वित्तीय बोझ को काफी हद तक कम किया जा सकता है। अब तक कर्मचारियों के पास अपनी पैंशन में से कुछ राशि तुरंत प्राप्त करने का विकल्प रहता था। यदि सरकार इसको बंद करती है, तो फिर कर्मचारियों को अग्रिम पैंशन नहीं मिल पाएगी। तीसरा विकल्प पंजाब की तर्ज पर कर्मचारियों को 25 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद पूर्ण पैंशन का लाभ देने की बात कही गई है। वर्तमान में राज्य सरकार 20 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने के बाद पूरी पैंशन दे रही है। बैठक में वित्तीय वर्ष, 2025-26 के लिए की गई बजट घोषणाओं और मुख्यमंत्री की तरफ से हाल ही में की गई घोषणाओं को भी स्वीकृति प्रदान की जा सकती है। इसमें कर्मचारियों को 3 फीसदी डी.ए. देने और 70 से 75 वर्ष आयु वर्ग के पैंशनरों को बकाया एरियर का भुगतान करना शामिल है। करुणामूलक आधार पर नौकरी देने के दिशा में भी सरकार आगे बढ़ सकती है, जिसके लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की गई है। कर्मचारियों के सामान्य तबादलों से प्रतिबंध हटाए एवं विभिन्न विभागों में खाली पदों को भरने का भी निर्णय लिया जा सकता है।