विधानसभा समीक्षा

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धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही के दौरान सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच तीखी नोंक-झोंक का सिलसिला जारी रहा। नियम-67 के तहत विपक्ष के काम रोको प्रस्ताव में चल रही चर्चा का उत्तर देते हुए विपक्ष को घेरने का प्रयास किया, लेकिन उनके जवाब से असंतुष्ट विपक्ष सदन से नारेबाजी करते हुए बाहर चला गया। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार के 2 वर्ष के भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य निदेशक के पद पर एक ऐसे अधिकारी की तैनाती कर दी है, जिनका नाम ऑफिसर ऑफ डाउटफुल इंटीग्रेटी (ओ.डी.आई.) सूची में शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि यह अधिकारी स्वास्थ्य निदेशक के पद पर क्यों तैनात किया गया है। उन्होंने सरकार से एक रिटायर आई.ए.एस. को सलाहकार बनाने का कारण भी पूछा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष की तरफ से लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष तथ्यों के साथ किसी मामले को ध्यान में लाता है, तो सरकार उसके ऊपर कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि पेखूबेला सोलर पावर प्लांट देश के अन्य हिस्सों में स्थापित प्लांट की तुलना में काफी सस्ता है। उन्होंने कहा कि यह प्लांट राजस्थान और गुजरात में स्थापित इसी तरह के प्लांट की तुलना में 25 फीसदी कम लागत पर स्थापित हुआ है। उन्होंने इस सोलर प्लांट पर सफाई के दौरान यह भी कहा कि प्रदेश सरकार ने जंगली मुर्गा विवाद में किसी पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करवाई है। उन्होंने चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा को सलाह दी कि वह उन लोगों से बात करे, जिसने ऐसा किया और सरकार भी बात करने का प्रयास करेगी। पेखूबेला सोलर प्लांट मामले पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार को इस बात का फक्र है कि उसने ऊना जिला को बिजली उत्पादन वाला जिला बनाया है। अग्निहोत्री ने कहा कि अभी तक केवल हाईडल प्रोजेक्ट की बात होती थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाकर एक नई शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि सरकार काम कर रही है और वह काम करते हुए आलोचनाओं से नहीं घबराती। उधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पेखूबेला पावर प्लांट पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से दी गई सफाई पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार पर विपक्ष का भरोसा टूट गया है और भाजपा उनकी तरफ से प्रस्तुत किए गए तथ्यों की जांच करने के बाद ही इस मुद्दे पर अपनी टिप्पणी देगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सत्ता में 2 वर्ष पूरा होने पर उसकी युवा अवस्था का दौर निकल गया है। इसलिए अब मुख्यमंत्री अब संभल कर चलें, क्योंकि 2 वर्ष बाद अक्सर प्रदेश में किसी भी सरकार को समस्याएं आनी आरंभ हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 वर्ष से कांग्रेस की सरकार है और यदि उसे पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के किसी भी काम पर संदेह है तो वह आरोप लगाने के बजाय जांच करवाए। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि प्रदेश में एक ऐसी आऊटसोर्स एजैंसी पंजीकृत हुई है जो आऊटसोर्स पर नौकरी देने से पहले ही युवाओं से पैसे ले रही है। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ने काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि ऊना जिले के पेखूबेला में 32 मैगावाट के सोलर प्रोजैक्ट की स्थापना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इतनी ही क्षमता का सोलर पावर प्लांट गुजरात में केवल 144 करोड़ रुपए में स्थापित किया गया, जबकि पेखूबेला में सरकार ने 220 करोड़ रुपए खर्च कर डाले। उन्होंने इस सोलर पावर प्लांट के निर्माण में लगे ठेकेदार को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाने का आरोप भी लगाया और कहा कि इसमें बाढ़ निकासी सिस्टम, ट्रैकर और स्प्रिंकल सिस्टम बैटरी स्टोरेज सिस्टम जैसी कई खामियां हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के भ्रष्टाचार से हिमाचल ग्रीन एनर्जी स्टेट नहीं बन सकता। बिक्रम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर घाटे की आड़ में पर्यटन विकास निगम की संपत्तियों को नीलाम करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने जान-बूझकर 56 होटलों में से सिर्फ 14 को ही लाभ में दिखाया। बिक्रम ठाकुर ने सचिवालय में एक अधिकारी की तरफ से पैसा लेकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया तथा मुख्यमंत्री से पूछा कि इस मामले में सरकार क्यों कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में स्क्रैप माफिया के कारण स्थानीय लोग दहशत में हैं। उन्होंने मेडिकल डिवाइस पार्क और बल्क ड्रग पार्क में भी घोटाले का आरोप लगाया। भाजपा सदस्य सुधीर शर्मा ने समोसा प्रकरण जांच, मुर्गा विवाद और टायलेट टैक्स जैसे मुद्दों को उठाकर सरकार की घेराबंदी की। उन्होंने कहा कि विपक्ष अपनी तरफ से मुद्दे नहीं उठा रहा, बल्कि सरकार में भ्रष्टाचार के कारण भाजपा ने इस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि नादौन में एच.आर.टी.सी. को जमीन बेचे जाने, क्रशर के लिए कैप्टिव यूज की अधिसूचना और लैंड सिलिंग एक्ट उल्लंघन कर 769 कनाल जमीन ट्रांसफर करने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ड्रग माफिया पूरी तरह से अनियंत्रित हो गया है। उन्होंने मुर्गा प्रकरण में मीडिया पर एफ.आई.आर. दर्ज करने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करके सरकार प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दिवालियापन का माहौल पैदा हो गया है, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ है। इससे प्रदेश का विकास रुक गया है और इससे प्रदेश की छवि खराब हुई है। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार में व्यवस्था परिवर्तन कम और पतन ज्यादा हुआ है। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की जमीन को पर्यटन के उद्देश्य से आवंटित करने के मामले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षण संस्थानों की जमीन को किसी दूसरे उद्देश्य से आवंटित करने का प्रयास करना कई सवाल पैदा कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भू-माफिया न्यूगल खड्ड की कूहल को भी नहीं छोड़ रहा है तथा सरकार को इसके ऊपर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने प्रदेश में नशा माफिया के सक्रिय होने एवं पुलिस को विधायकों के साथ पाइल्ट में अटैच करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने प्रदेश विशेषकर कांगड़ा जिला में खनन माफिया के सक्रिय होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ट्रेजरी से ठेकेदारों को काम करने की एवज धनराशि उपलब्ध नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने प्रवास के दौरान पिकनिक करने की बजाए काम करने के उद्देश्य से जाना चाहिए। भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि बिलासपुर में चिट्टा और खनन माफिया का टकराव चल रहा है। यही वजह है कि कोर्ट परिसर के सामने गोलियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि जिले में हालात ऐसे हैं कि लगातार अधिकारी रातोंरात बदले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिलासपुर में जब माइनिंग बंद है तो कैसे रेलवे प्रोजेक्ट में बन रहे पिल्लरों के लिए बजरी, रेता के ढेर लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बिलासपुर में रोजाना रात को 100 से 200 ट्रक आते हैं, वह भी बिना नंबर के। हालात ऐसे हैं कि रेता, बजरी के बटवारे के लिए डीजीपी हिमाचल प्रदेश को बिलासपुर पहुंचना पड़ा है। सत्ता पक्ष की तरफ से तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने विनिवेश को बढ़ावा का समर्थन किया और कहा कि केंद्र की एन.डी.ए. सरकार में तो बाकायदा एक मंत्रालय तक खोल दिया गया था। उन्होंने सरकारी विभागों में अनावश्यक खरीद करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने और फ्यूल वुड के नाम पर लकड़ी काटने पर रोक लगाने की भी बात कही। धर्माणी ने कहा कि फ्यूल वुड के नाम पर हो रहे कटान में वन और राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी चांदी कूट रहे हैं और इस कारण प्रदेश के जंगल कट रहे हैं। यह लकड़ी राज्य से बाहर जा रही है। उन्होंने पूर्व सरकार के समय नौणी विश्वविद्यालय, एन.आई.टी. हमीरपुर और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में हुई भर्तियों की जांच करवाने की भी मांग की। उन्होंने राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में लगाए गए आरोपों की जांच करवाने की भी मांग की और कहा कि झूठे आरोप लगाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने विपक्ष को झूठे आरोप न लगाने की भी सलाह दी। कांग्रेस सदस्य चंद्रशेखर ने पूर्व भाजपा के समय हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा आज अपने कर्मों के फल के कारण विपक्ष में बैठी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पुलिस भर्ती पेपर लीक घोटाले की रिपोर्ट आज दिन तक नहीं आई है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय 2500 करोड़ रुपए की पाइपें खरीद ली गई, जिसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाइपों की यह खरीद हिमाचल के इतिहास में सबसे बड़ी खरीद है। चंद्रशेखर ने पूर्व सरकार के समय आऊटसोर्स एजैंसियों के माध्यम से हुई भर्तियों पर अपनी ही सरकार से श्वेत पत्र लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने 30 हजार भर्तियां केवल आऊटसोर्स आधार पर कर दी थी। उन्होंने पूर्व सरकार पर शिमला क्लीनवेज कंपनी के माध्यम से आउटसोर्स पर भर्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया इसकी जांच की मांग की।