काम चलाऊ व्यवस्था अपनाने की बजाए पुराने पारुप पर हो सकती है भर्तियां

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शिमला : सरकारी क्षेत्र में भर्तियां करने के मामले में राज्य सरकार काम चलाऊ व्यवस्था को अपनाने की बजाए पुरानी व्यवस्था को अपना सकती है। इसके तहत अनुबंध एवं आऊटसोर्स पर भर्तियां किए जाने की बजाए लोक सेवा आयोग एवं कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया के प्रारुप को लागू किया जा सकता है। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में यहां आयोजित कमेटी ऑफ सेके्रटीज (सी.ओ.एस.) की बैठक में इस विषय पर प्रमुखता से चर्चा हुई है। बैठक में यह विषय प्रमुखता से उभरकर सामने आया कि सरकारी क्षेत्र में काम चलाऊ व्यवस्था को अपनाने से जहां कामकाज प्रभावित हो रहा है, वहीं अदालती आदेश भी भारी पड़ रहे हैं। सरकारी क्षेत्र में पहले हुई कुछ ऐसी ही भर्तियों से जुड़े मामले जब अदालत पहुंचे तो कर्मचारियों को नियुक्ति की तिथि से वित्तीय लाभ देने पड़े। ऐसे में यदि सही प्रक्रिया अपनाई जाती, तो सरकार को इस तरह के प्रतिकूल हालात का सामना नहीं करना पड़ता। हालांकि इस समय प्रदेश के आर्थिक हालात ऐसे हैं कि कर्म खर्च करके ही आगे बढ़ा जा सकता है। सरकारी क्षेत्र की बात करें तो इस समय प्रदेश के विभिन्न विभागों में करीब 60 हजार पद खाली हैं। इसमें अकेले सचिवालय में ही विभिन्न श्रेणियों के 500 से अधिक पद खाली पड़े हैं। मौजूदा वित्तीय हालात में इतने पदों को नियमित आधार पर भरना सरकार के लिए संभव नहीं है, फिर भी बीच का रास्ता निकालने के प्रयास किए जा सकते हैं।