बैंक क्लर्क भर्ती परीक्षा के दौरान परनामधारण से संबंधित एक मामले में परनामधारकों, उम्मीदवारों एवं मध्यस्थ व्यक्तियों सहित 6 आरोपियों को दोषी ठहराया
नई दिल्ली : विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीबीआई, गाज़ियाबाद ने बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) द्वारा वर्ष 2014 में आयोजित बैंक क्लर्क भर्ती परीक्षा से सम्बंधित मामले में आज दो परनामधारकों यथा नवीन तंवर एवं सावन कुमार, दो उम्मीदवारों यथा अमित सिंह और अजय पाल सिंह तथा दो मध्यस्थ व्यक्तियों यथा सुग्रीव सिंह गुर्जर व हनुमत सिंह गुर्जर सहित छह आरोपियों को दोषी ठहराया।
सीबीआई ने, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में बैंक क्लर्कों की भर्ती हेतु दिनाँक 13.12.2014 को आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गोविंदपुरम, गाजियाबाद में आयोजित की गई परीक्षा के दौरान परनामधारण के आरोप पर आज दोषी ठहराए गए आरोपियों सहित आरोपियों के विरुद्ध वर्तमान मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गोविंदपुरम, गाज़ियाबाद में एक अभियान चलाया एवं आरोपी श्री नवीन तंवर को मौके पर ही पकड़ लिया, जब वह फर्जी तरीके से आरोपी उम्मीदवार श्री अमित सिंह के स्थान पर आईबीपीएस परीक्षा में सम्मिलित हुआ व परीक्षा को पूर्ण किया। एक अन्य आरोपी श्री सावन कुमार, आरोपी उम्मीदवार श्री अजय पाल सिंह के स्थान पर उक्त परीक्षा में सम्मिलित हुआ था।
जांच से पता चला कि श्री सुग्रीव सिंह गुर्जर एवं श्री हनुमत सिंह गुर्जर ने उक्त षड़यंत्र में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। जांच के दौरान, आरोपी व्यक्तियों के विरुद्ध मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य एकत्र किए गए तथा इस मामले में नवीन तंवर, सावन कुमार, अमित सिंह, अजय पाल सिंह, सुग्रीव सिंह गुर्जर और हनुमत सिंह गुर्जर के विरुद्ध दिनाँक 12.03.2015 को आरोप पत्र दायर किया गया। सीबीआई ने अभियोजन पक्ष के 22 गवाहों एवं 28 दस्तावेजी साक्ष्यों का हवाला दिया।
विचारण की कार्यवाही के दौरान, अदालत ने दिनाँक 12.03.2015 को सभी 06 आरोपी व्यक्तियों के विरुद्ध संज्ञान लिया एवं दिनांक 02.09.2016 को आरोप तय किए।
अदालत ने रिकॉर्ड पर उपलब्ध साक्ष्यों की सराहना की एवं आरोपी व्यक्तियों को दोषी ठहराया। दोषी आरोपी श्री नवीन तंवर, न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हुए, जिसके कारण न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट(NBW) जारी किया गया एवं मामले में सजा सुनाने हेतु 21.03.2024 की तिथि तय की गई, जबकि शेष 5 आरोपियों में से प्रत्येक को 03 वर्ष की कठोर कारावास के साथ कुल 50,000/- रु.के जुर्माने की सजा सुनाई गई।