November 14, 2024

अली खड्ड विवाद पर सदन में हंगामा, भाजपा ने किया वॉकआऊट

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शिमला : बिलासपुर और सोलन जिला की सीमा पर स्थित अली खड्ड पेयजल योजना से पानी उठाने का मामला विधानसभा में जोर-शोर से गूंजा तथा विपक्षी भाजपा ने रोष स्वरुप इस मुद्दे पर सदन से नारेबाजी करते हुए वाकआऊट किया। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि उन्होंने इस विषय को उठाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन उसको कार्यसूची में शामिल नहीं किया गया है। उनके तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों पर लाठियां बरसी तथा उनकी 2 उंगलियों में चोट आई है। इसके बावजूद इस मामले को लेकर एफ.आई.आर. को दर्ज नहीं किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिलासपुर-सोलन सरहद को भारत-पाकिस्तान का बार्डर बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब सी.एम. व डिप्टी सी.एम. ने इसका कार्य रोकने को कहा है, तो फिर किस सुपर सी.एम. के ईशारे पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि अली खड्ड से पानी उठाने को लेकर 22 दिन से आंदोलन चल रहा है। ऐसे में यह मुद्दा रातों-रात पैदा नहीं हुआ, बल्कि उन्होंने इसे प्लानिंग की बैठक में भी उठाया था। इसी मुद्दे पर वह प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री से भी मिले थे। मुख्यमंत्री के आदेश पर इस मामले की जांच के लिए कमेटी भी बनाई गई है, लेकिन ठेकेदार की तरफ से काम नहीं रोका जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके ऊपर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें डकैती तक की धारा लगाई गई है। उन्होंने कहा कि इस खड्ड पर नई परियोजना बनने से बिलासपुर जिला की 31 योजनाएं प्रभावित होंगी, जिनमें 24 पेयजल और 7 सिंचाई योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अली खड्ड से पानी उठाने के बजाए इस योजना के लिए कोल डैम से पानी उठाने के विकल्प मौजूद हैं, जिसके ऊपर सरकार को सोचना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले पर हस्तक्षेप करके दर्ज एफ.आई.आर. को रद्द करने की मांग की।
ठेकेदार मर्जी से काम कर रहा होगा तो कार्रवाई होगी : हर्षवर्धन
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि स्थानीय जन प्रतिनिधियों को इस मामले में शांति बनाए रखने में योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ने काम रोकने के आदेश के बाद ठेकेदार काम कर रहा होगा, तो कार्रवाई होगी।
नियम-62 के तहत शुक्रवार को चर्चा की अनुमति मिलेगी : पठानिया
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने व्यवस्था देते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर शुक्रवार को नियम-62 के तहत सदन में चर्चा की अनुमति दे रहे हैं। सरकार की ओर से इस पर अभी कोई जवाब नहीं आया है।