10 साल में चुकाना होगा 61 हजार करोड़ से अधिक कर्ज
शिमला : नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) की तरफ से 31 मार्च, 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार को आगामी 10 वर्षों में हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज चुकाना है। यानी 2 से 5 वर्ष की अवधि में 27,677 करोड़ रुपए और उसके बाद 5 वर्ष में 34,001 करोड़ रुपए चुकाने हैं। ऐसे में वर्ष के दौरान इसके ऊपर वाॢषक व्यय 6,926 करोड़ रुपए होगा, जो सुखद स्थिति नहीं है। कैग ने राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने 13 अनुदानों एवं 2 विनियोजनों में विधानसभा से मंजूर बजट राशि से 1782.17 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष, 2014-15 से 2020-21 तक सदन की मंजूरी के बगैर खर्च किए गए 8818.47 करोड़ रुपए का विधायिका से विनियमन करवाना अपेक्षित था। इसके अलावा कई मामलों में सरकार मूल बजट को भी खर्च नहीं कर पाई। रिपोर्ट के अनुसार 11 अनुदानों के तहत 13 मामलों में 647.13 करोड़ रुपए के अनुपूरक प्रावधान अनावश्यक साबित हुए। वित्तीय वर्ष, 2021-22 के अंत में ही बजट में आबंटित राशि को खर्च करने की रफ्तार बढ़ी। वर्ष की अंतिम तिमाही में 6 अनुदानों में 50 से 71 फीसदी तक का खर्च हुआ।