विधानसभा में आज क्या हुआ ?
शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही आज 4 दिन के अवकाश के बाद दोपहर 2 बजे शुरू हुई। सदन में सबसे पहले प्रश्नकाल हुआ। प्रश्नकाल के बाद मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू की गैर मौजूदगी में संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहानने सप्ताह की शासकीय कार्यसूची से सदन को अवगत करवाया। इसके बाद भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के कार्यान्वयक की दक्षता पर बना प्रतिवेदन सभा पटल पर रखा गया। कागजातों को सभापटल पर रखने के उपरांत भाजपा विधायक सतपाल ङ्क्षसह सत्ती ने नियम-62 के तहत कालका-शिमला फोरलेन में निर्मित कंडाघाट सुरंग की एलाइनमैंट बदलने का मामला उठाया, जिसका लोक निर्माण मंत्री विक्रादित्य सिंह ने जवाब दिया। इसी तरह नियम-62 के तहत विधायक राजेंद्र राणा और राजेश धर्माणी ने निजी विश्वविद्यालयों में हुए फर्जी डिग्री मामले एवं सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडल में हुए भर्तियों में अनियमितता के आरोप लगाए, जिसका शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने उत्तर दिया। इसके बाद सदन में हिमाचल प्रदेश नगर निगम संशोधन विधेयक, 2023 को पेश किया गया। सदन में हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी सम्मान विधेयक वापस भी लिया गया। सदन में बेटियों को अधिकार देने के लिए उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश भू-जो अधिकतम सीमा संशोधन को भी पारित किया गया। इस तरह विधानसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच जहां निजी विश्वविद्यालय एवं सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी तथा लोकतंत्र पहरी विधेयक को वापस लेने के नाम पर तीखी नोंक-झोंक हुई हुई, वहीं सदन में प्रश्नकाल में किसी तरह का व्यवधान नहीं पड़ा। लोकतंत्र प्रहरी विधेयक को वापस लेने के मुद्दे पर विपक्षी भाजपा ने सदन से वाकआऊट भी किया। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने विधायक सुधीर शर्मा की तरफ से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार 500 रुट निजी क्षेत्र में देगी, जिसको लेकर नीतिगत फैसला लिया जाएगा। उन्होंने विधायक सुदर्शन ङ्क्षसह की तरफ से पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि विधानसभा में जल शक्ति विभाग से संबंधित बहुत से सवाल पूछे जा रहे हैं। ऐसे में वह सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों की कुंडली तैयार करके सभी विधायकों को सौंपेंगे, जिसमें पेयजल व सिंचाई योजनाओं, बाढ़ नियंत्रण और जल जीवन मिशन की पूरी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने विधायक डा. जनक राज की तरफ से पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार प्रारुपकार के स्वीकृत 166 में से खाली पड़े रिक्त पड़े 163 पदों को भरने का प्रयास करेगी और इससे संबंधित मामला कैबिनेट में जाएगा। उन्होंने विधायक राजेश धर्माणी और विनोद सुल्तानपुरी की तरफ से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में भी जानकारी दी। इसके अलावा पशुपालन एवं कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पूर्व सरकार ने लंपी वायरस को आपदा घोषित नहीं किया, जिस कारण केंद्र सरकार से उचित मुआवजा नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि इससे 18,178 पशु संक्रमित हुए तथा 1,643 की मौत हुई। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार 31 मार्च, 2022 से पहले ग्रामीण विकास विभाग में धनराशि लैप्स नहीं हुई। नियम-62 के तहत कालका-शिमला फोरलाइन पर कंडाघाट में बन रही सुरंग की एलाइनमैंट को परिवर्तित करने पर विधायक सपातल सिंह सत्ती ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषी कंपनी और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कंडाघाट में बन रही सुरंग अब 460 मीटर की बजाए 667 मीटर होगी। उन्होंने कहा कि सुरंग निर्माण के बीच में कहीं भी पानी का टैंक नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि 2 जनवरी, 2024 तक वर्तमान कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। इसी मामले पर विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने भी सडक़ दुर्घटना का मामला उठाया, जिस पर लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि विभाग पुलिस के साथ मिलकर ब्लैक स्पॉट की पहचान करके आवश्यक जगहों पर फुटपाथ बनाएगा। विधायक राजेंद्र राणा ने मानव भारती विश्वविद्यालय फर्जी डिग्री मामले को उठाते हुए इसकी सी.बी.आई. से जांच करवाने की मांग की। उनका कहना था कि इसकी डिग्रियां देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी बिकी है। विधायक राजेश धर्माणी ने सरदार पटेल विश्वविद्यालय भर्ती मामले में अनियमितता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जुगाड़ से विश्वविद्यालय नहीं बल्कि गुणवत्ता के आधार पर इसको चलाया जाना चाहिए। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इसके उत्तर में कहा कि फर्जी डिग्री मामले में ई.डी. के अलावा इंटरपोल भी इन्वॉलब है। इसके अलावा यह मामला कोर्ट के विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि इस मामले में दोषी को उचित सजा मिले। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के साथ भाजपा खिलवाड़ नहीं होने देगी। उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि शिक्षा विभाग में निचले स्तर के अधिकारी ऐसे आदेश जारी कर रहे हैं, जिसकी शिक्षा मंत्री तक को जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार यदि मंडी विश्वविद्यालय को बंद करना चाहती है तो यह बहुत महंगा पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने बंद-बंद करने की प्रक्रिया से पीछे हटना चाहिए। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जिस मामले को उठा रहे हैं, उस विषय पर सरकार की तरफ से तुरंत संज्ञान ले लिया गया था।